Tuesday, August 31, 2010

चुप रहिए, कॉमनवेल्थ है

कॉमनवेल्थ कथा नंबर एक -बुरा देखो ही क्यों

बस जा रही थी। सब अपने-अपने काम कर रहे थे। कुछ नौजवान कन्याओं को ताक रहे थे, कन्याएं खिड़की के बाहर ताक रही थीं। खिड़की से बाहर की भैंस अंदर झांक रही थी, अंदर का कंडक्टर आगे वाली सेम नंबर की बस को देखकर गाली बक रहा था, हमेशा पहले ही निकाल के ले जाता है यह, किसी दिन ठोंक दूंगा।

एक जेबकट ने खड़ी सवारी की जेब में हाथ डाला। जेबकट नया और सवारी पुरानी थी। सवारी बोली - क्या है ये बे। जेब काट रहा है।

सवारी ने चीखते हुए कहा - कंडक्टर साहब देखिए, पुलिस हवलदार साहब देखिए, ये जेब काट रहा है। पकडि़ये।

पुलिसवाला बोला - कॉमनवेल्थ के बाद। अभी हल्ला मत मचा, सब समझेंगे कि तू राष्ट्रदोही है। अभी चुपके से कटने दे। बाद में बात करेंगे।

सवारी बोली - अबे बाद का क्या पता। जेब तो अभी कट रही है।

पुलिसवाले ने कहा - अबे सब तरफ कट रही है। कहीं स्टेडियम कट रहा है। कहीं स्टेडियम की पूरी छत ही कट गई है। कॉमनवेल्थ के हल्ले में बहुत कुछ कट रहा है। पर कटने की शिकायत की, तो राष्ट्रदोही मान लिया जाएगा। जो चोरी की शिकायत की, तो राष्ट्रदोही माना जाएगा, समझ ले।

और ये जो मेरी जेब काट रहे हैं, वो कौन हैं - सवारी ने गुस्से से पूछा।

अबे ये सारे राष्ट्रप्रेमी हैं। ये अपने से ज्यादा दूसरों की जेब से प्यार करते हैं, इसलिए उस पर हाथ साफ करते हैं। चोप्प, कुछ बोला तो देशदोही कहलाया जाएगा।

जेब कट रही थी जिसकी, वह चुप सा हो लिया।

अबे गांधीजी की ना सुनी तूने - बुरा मत देखो, बुरा मत करो और बुरा मत सुनो। चोरी-चकारी की बात करता ही क्यों है - पुलिस ने डांटा।

पर वह चोर बुरा कर रहा है, वह बुरा करने के लिए फ्री है क्या।

भई अब जित्ती गांधीगिरी अफोर्ड हो सकती है, उत्ती गांधीगिरी तो कर ले। चोरों पर हमारा कोई बस ना है, वो नहीं सुन रहे। तू तो सुन ले, नहीं तो राजघाट की समाधि बुरा मान जाएगी।

पर मेरी तो कट रही है - सवारी फिर चिल्लाई।

तो चीखता रह, सुन कौन रहा है - पुलिसवाले ने सवारी को डांटा।

कहीं से जोरदार हल्ला आया, राष्ट्रदोह, देशप्रेम, देश की इज्जत।

पता नहीं, पुलिसवाले कहां गायब हो गए। खबर है कि वो आएंगे, पर कॉमनवेल्थ के बाद।


कॉमनवेल्थ कथा नंबर दो- कॉमनवेल्थ के बाद

देर रात, चोर धीरे से दाखिल हो रहे थे घर में।

पत्नी ने कहा पति से - देखो चोर दाखिल हो लिये हैं जी।

कॉमनवेल्थ के बाद देखेंगे -पति ने कहा।

क्यों कॉमनवेल्थ से पहले देखने में क्या मनाही है -पत्नी ने पूछा।

तू कुछ समझती नहीं। बड़े-बड़े यही कर रहे हैं, चुप्पे से देख रहे हैं। कलमाडी शरद पवार को देख रहे हैं। सोनियाजी शरद पवार को देख रही हैं। अभी चोरों को घर में घुस कर चुराने दे, कॉमनवेल्थ के बाद रिपोर्ट लिख देंगे -पति बोला।

पर कॉमनवेल्थ के बाद तो देर हो जाएगी -पत्नी ने कहा।

अरे तो तू क्यों जल्दी मचा रही है। अभी पुलिस भी सारी बिजी है कॉमनवेल्थ का इंतजाम करने में - पति बोला। पति दिल्ली पुलिस का पुराना अफसर था।

ये क्या जी, चोरी हमारे घर में हो रही है, और हमीं शोर ना मचाएं - पत्नी गुस्से से बोली।

चोरी रोकने वाले को चोर राष्ट्रदोही कह देंगे, कह देंगे कि चुप देश की इज्जत के लिए इतनी सी भी चोरी ना करने दे सकते क्या - पति ने समझा.या।

पत्नी समझ गई, अब वह चोरी का हल्ला मचाएगी, पर कॉमनवेल्थ के बाद।